Durga Mantra

मां दुर्गा प्राणियों को दुर्गति से निकालती है। मां अपने भक्तों को उनके हर विघ्न-बाधाओं से बचाती हैं। प्रसन्न होने पर उन्हें सुख-समृद्धि व ऐश्वर्य का वरदान भी देती हैं। बता दें, शास्त्रों में कुछ ऐसे मंत्रों का वर्णन किया गया है जिनसे माता को आसानी से प्रसन्न करके अपनी इच्छानुसार आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है। जिसकी जैसी चाहत होती है उसी के अनुसार मंत्र का जाप करने से माता प्रसन्न होती हैं। तो आइए जानते हैं किस मनोकामना के लिए आपको कौन सा मंत्र जाप करना चाहिए।

The Most Powerful Durga Mantra Can Do For You!

Nikita Banerjee | Updated: Apr 18, 2019, 14:25 ISTIs your daily life filled with negative thoughts? Think the world is ending and the sky is going to fall on your head? If yes, then you should seek freedom from this unnecessary fear immediately. Luckily for you, it is time for Navratri! And Navratri, a nine-day long festival, celebrating the nine forms of Maa Durga, is the time when Maa Durga blesses us with her protection against all enemies and negativities.

1Is your daily life filled with negative thoughts? Think the world is ending and the sky is going to fall on your head? If yes, then you should seek freedom from this unnecessary fear immediately. Luckily for you, it is time for Navratri! And Navratri, a nine-day long festival, celebrating the nine forms of Maa Durga, is the time when Maa Durga blesses us with her protection against all enemies and negativities.
To seek Maa Durga protection, one needs to chant the below mantra. This mantra is not a simple line in Sanskrit but it holds the great power that resolves all issues and helps relax one’s mind.
Powerful Durga Mantra –
||Om Aim Hreem Kleem Chamundaye Vichche||

Benefits of chanting this Durga mantra are:

Strengthen the mind, body, and soul
Improves concentration
Enhance positivity in life and attitude
Invoke prosperity and happiness
Boosts sexual life
Additionally, this mantra helps boost intellectual capacity and one can chant this on behalf of their kids as well. This mantra is beneficial for financial health and helps bring in more wealth too. If you are a stock market investor, chanting this mantra will help you from the uncertainty of stocks. It helps build inner power, develop happy relationships and eradicate ignorance and negativity.

If you are low on confidence, fearful and nervous, this mantra acts as a self-esteem booster. It helps attain inner peace not only for the individual but for all their loved ones as well. It helps stay calm and cool.

Chanting this mantra with complete faith helps to fulfill desires as well.

Invoke the Goddess Durga to bestow infinite power and strength with Group Navratri Pujathis Sharad Navratri.

Ensure you have bathed and dressed in clean clothes to wash away the impurities. Your aura needs to be pure to absorb positivity. This mantra should be recited 108 times or until the multiple of 108. Friday is an auspicious day for this Mantra chanting.

Sit facing towards the east or north.
Sit on a durrie or rug.
Do the mantra jaap for 108 times using a crystal rosary or mala or rudraksha mala. Your hands and fingers should be folded in the Gaumukh position.

Navratri 2019 Nine Mantras for Maa Durga Puja: शारदीय नवरात्रि का आज दूसरा दिन है, यह दिन मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित होता है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से होता है। नवरात्रि का प्रत्येक दिन मां दुर्गा के एक विशेष स्वरूप को समर्पित होता है। मां दुर्गा के नौ स्वरूपों शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और माता सिद्धिदात्री के लिए पूजा का विशेष मंत्र होता है। नवरात्रि में पूजा के दौरान माता दुर्गा के इन मंत्रों का उपयोग करने से माता प्रसन्न होती हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूरा कर देती हैं।

मां दुर्गा को प्रसन्न करें इन मंत्रो से

माँ दुर्गा

हिन्दू धर्म में मां दुर्गा की आराधना वर्ष में दो बार बड़े धूमधाम से की जाती है। चैत्र नवरात्र और शारदीय नवरात्र में देवी दुर्गा के भक्त मां को प्रसन्न करने के सभी जतन करते हैं। देवी भागवत पुराण में मां दुर्गा की पूजा और नवरात्र के दौरान की जाने वाली पूजा, महात्य व मंत्रों आदि का वर्णन है। 2/18 2

माँ दुर्गा मंत्र

अगर आप भी मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए नवरात्र व्रत कर रहे हैं तो आज हम आपके लिए लाए हैं ऐसे मंत्र जिनसे आप मां दुर्गा को आसानी से प्रसन्न कर सकते हैं। किसी भी पूजा में मंत्र का अहम स्थान होता है। नवरात्र में हर दिन मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है ऐसे में आपको प्रत्येक मां के विशेष मंत्रों का ज्ञान अवश्य होना चाहिए। 3/18 3

माँ दुर्गा नवरात्रि मंत्र

या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ या देवी सर्वभूतेषु शांति-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ या देवी सर्वभूतेषु मातृ-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोस्तुते॥ 4/18 4

शक्ति रूप

अर्थात: जो देवी सब प्राणियों में शक्ति रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है। जो देवी समस्त प्राणियों में शान्ति के रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है। 5/18 5

माँ दुर्गा देवी

जो देवी सभी प्राणियों में माता के रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार, नमस्कार, बारंबार नमस्कार है। हे नारायणी! तुम सब प्रकार का मंगल प्रदान करने वाली मंगल मयी हो। कल्याण दायिनी शिवा हो। सब पुरुषार्थो को (धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष को) सिद्ध करने वाली हो। शरणागत वत्सला, तीन नेत्रों वाली एवं गौरी हो। हे नारायणी, तुम्हें नमस्कार है। 6/18 6

देवी – कवच का एक भाग : सामान्य नवदुर्गा मंत्र

अब एक ऐसा मंत्र जिसका वर्णन देवी सप्तशती में भी किया गया है। इसे सामान्य नवदुर्गा मंत्र माना जाता है जिसमें नवदुर्गा के सभी रूपों का वर्णन आता है। 7/18 7

माँ दुर्गा मन्त्र

प्रथमं शैलपुत्री च द्वितीयं ब्रह्माचारिणी। तृतीयं चन्द्रघण्टेति कूष्माण्डेति चतुर्थकम्।। पंचमं स्कन्दमातेति षष्ठं कात्यायनीति च। सप्तमं कालरात्रीति महागौरीति चाष्टमम्।। नवमं सिद्धिदात्री च नवदुर्गा: प्रकीर्तिता:। उक्तान्येतानि नामानि ब्रह्म्रणव महात्मना।। 8/18 8

विभिन्न रूप

अब बात करते हैं प्रत्येक दिन के अनुसार मां दुर्गा के विभिन्न रूपों को समर्पित मंत्र। 9/18 9

मां शैलपुत्री मंत्र

देवी दुर्गा का प्रथम रूप मां शैलपुत्री का है। हिमालय की पुत्री मां शैलपुत्री का वर्ण श्वेत है। पार्वती और हेमवती इन्हीं के नाम हैं। मां शैलपुत्री का ध्यान मंत्र निम्न है: वन्दे वाञ्छित लाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्। वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥ 10/18 10

मां शैलपुत्री का विशेष मंत्र

विशोका दुष्टदमनी शमनी दुरितापदाम्। उमा गौरी सती चण्डी कालिका सा च पार्वती।। 11/18 11

माँ दुर्गा बीज मंत्र:

मां शैलपुत्री का बीज मंत्र: बीज मंत्रों को सबसे प्रभावी माना जाता है। मां शैलपुत्री के दो अहम बीज मंत्र निम्न है: 1. ह्रीं शिवायै नम: 2. ऊं ह्रीं श्री शैलपुत्री दुर्गायै नम: 12/18 12

मां ब्रह्मचारिणी

नवरात्रि में दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी का होता है। इनकी आराधना से ज्ञान और वैराग्य की प्राप्ति होती है। मां ब्रह्मचारिणी की उपासना का मंत्र है: दधाना करपद्माभ्यामक्षमाला कमण्डलू। देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥ 13/18 13

माँ दुर्गा दूसरा मन्त्र

इसके अतिरिक्त नवरात्रि के दूसरे दिन आप निम्न मंत्र का भी जाप कर सकते है: विद्याः समस्तास्तव देवि भेदाः स्त्रियः समस्ताः सकला जगत्सु। त्वयैकया पूरितमम्बयैतत् का ते स्तुतिः स्तव्यपरा परोक्तिः।। 14/18 14

माँ दुर्गा बीज मंत्र

बीज मंत्र: मां ब्रह्मचारिणी जी के दो बीज मंत्र निम्न है- 1. ह्रीं श्री अम्बिकायै नम: 2. ओम ह्रीं श्री ब्रह्मचारिणी दुर्गायै नम: 15/18 15

मां चन्द्रघण्टा मंत्र

देवी दुर्गा का तीसरा रूप है मां चंद्रघण्टा। मां चन्द्रघंटा अपने भक्तों के जीवन में आए संकटों को पल में भी हटाती है। मस्तक पर घंटे के आकार के अर्धचन्द्र को धारण करने के कारण मां को चन्द्रघंटा के नाम से जानी जाती है। मां चन्द्रघंटा की उपासना का मंत्र है: पिण्डजप्रवरारुढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता। प्रसादं तनुते मह्यां चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥ 16/18 16

अहम मंत्र

मां चन्द्रघंटा जी की पूजा का एक अहम मंत्र निम्न भी है: हिनस्ति दैत्य तेजांसि स्वनेनापूर्य या जगत्। सा घण्टा पातु नो देवि पापेभ्योनः सुतानिव।। 17/18 17

माँ दुर्गा बीज मन्त्र

आप नवरात्र के तीसरे दिन निम्न दो में से किसी एक बीज मंत्र का जप कर सकते हैं- 1. ऐं श्रीं शक्तयै नम: 2. ओम ह्रीं श्री चन्द्राघंटा दुर्गायै नम: 18/18 18

कूष्माण्डा देवी

नवरात्रि के दौथे दिन निम्न मंत्र से मां कूष्मांडा देवी की आराधना की जाती है। सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च। दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥ इसके अतिरिक्त आप निम्न मंत्र का भी जप कर सकते हैं: स्तुता सुरैः पूर्वमभीष्टसंश्रयात्तथा सुरेन्द्रेण दिनेषु सेविता। करोतु सा नः शुभहेतुरीश्वरी शुभानि भद्राण्यभिहन्तु चापदः।।

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